"फूलन देवी" से "प्रियंका रेड्डी" तक।


'फूलन देवी' आप सबको याद है?हाँ,वही 'बैंडिट क्वीन' वाली फूलन देवी।वही फूलन देवी जिसका किरदार फ़िल्म 'बैंडिट क्वीन' में 'सीमा विश्वास' ने निभाया है।फूलन देवी जिसके नाम से कभी पूरा बुंदेलखंड काँपता था।
फूलन देवी के साथ लगभग 3 हफ्ते तक लगातार गैंगरेप हुआ।जब फूलन उनके चुंगल से छुट्टी तब गैंगरेप में शामिल दो लोगो को उसने पहचान लिया था।इसी के जरिये वो अन्य लोगो तक पहुँची और 22 लोगो को गोली मार दिया क्यो की वो सब गैंगरेप में शामिल थे।यूँ तो फूलन एक डाकू थी।उसके ऊपर 30 डकैती,22 अपहरण और 22 हत्याओं के इल्जाम लगे थे।भले ही आज फूलन को अगड़ी-पिछड़ी जातियों के चश्में से देखा जाता हो लेकिन क्या उसके साथ जो हुआ वो किसी भी सभ्य समाज को स्वीकार होगा?आगे चल के फूलन देवी मिर्जापुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पे सांसद भी बनी।
                           पूर्व सांसद फूलन देवी

बस आज 'प्रियंका रेड्डी' के बारे में पढ़-पढ़ के मुझे मुझे फूलन देवी की कहानी याद आ गयी।ऐसा लगने लगा कि फूलन देवी ने गैंगरेप करने वालो के साथ सही ही किया था क्यो की अगर वो भी कानून के भरोसे बैठ जाती तो शायद आज तक न्यायालय के चक्कर लगा रही होती।
मुझे 'पुष्यमित्र उपाध्याय' की वो पंक्तिया याद आ रही है-"सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो,अब गोविंद ना आएंगे..."अगर वक़्त मिले तो एक बार पूरी कविता ज़रूर पढ़िएगा।
-मोहित कुमार सिंह


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