13 साल की मासूम ने क्या बिगाड़ा था?

 वो अभी 13 साल की थी।उसने तो अब ज़िन्दगी को समझना शुरू किया था और उसके साथ जो कुछ हुआ शायद उसे पता भी नही होगा की इस दुनिया में ऐसा भी कुछ होता है।वो तो ये समझ भी नही पा रही होगी की ये सब कुछ उसके साथ क्यो हो रहा है?आख़िर किसी का क्या बिगाड़ सकती है एक 13 साल की मासूम लड़की?

आज सवाल आप खुद से पूछिये?आज सवाल पूरा समाज खुद से पूछे?आज हम भी सवाल अपने आप से पूछेंगे!क्या कभी ऐसा दिन आएगा जब हमारी बहन-बेटियां अमेरिका के तरह रात को अकेले रेस्टोरेंट में खाना खाने चली जाए?अजी छोड़िये भाई साहब ये कैसा बेहूदा सवाल है?यहाँ हम दिन में सुरक्षा की गारंटी नही दे रहे है और आप रात की बात कर रहे है!

आज सवाल बुलंदशहर के डीएम साहब से भी रहेगा।डीएम साहब अब आप ये बताइयेगा की हम कैसे मान ले की सुदीक्षा के साथ उस दिन छेड़छाड़ नही हुई थी?जब छोटी सी मासूम बच्ची को लोग नही छोड़ रहे है तो फ़िर सुदीक्षा को ये लोग क्यो छोड़ देंगे?

अब आप एक बार वो समय याद कीजिये जब रेप को लेकर देश में नई कानून लागू हुई थी।जिसमे फाँसी तक की सज़ा का प्रावधान है।जब यह कानून बनाया गया तब हमारी सरकारों ने तमाम तरह की बाते कही लेकिन अफ़सोस है की वो सिर्फ़ बाते ही रह गयी।

अब आप लोग ध्यान से सुन लीजिये की 13 साल की मासूम के साथ क्या-क्या हुआ?घटना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर ख़िरी की है।बच्ची दिन के 1-2 बजे के आस-पास से गायब थी।परिजनों ने खोजने की कोसिस की लेकिन ढूढ़ने में असफल रहे।आख़िर वो मिले कैसे क्यो की उसे तो शैतानों ने पकड़ रखा था।अगले दिन गन्ने के खेत से मासूम की लाश मिलती है।गले में दुप्पटा फॅसा होता है,आँखे दोनों निकाल ली गयी होती है।पुलिस आती है और मासूम के लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज देती है।पोस्टमार्टम में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि होती है।

एक बात और सोचियेगा की आख़िर सरकार कैसे इन सबको रोक सकती है?मुझे एक रेप केस याद है जिसमे रेपिस्ट कोई औऱ नही बल्कि मासूम सी लड़की के मामा का लड़का था।अब आप ख़ुद सोचिये की क्या वहाँ पुलिस का पहरा हो सकता था?हमारी अपनी समझ कह रही है की हम एक समाज के तौर पर बिल्कुल जंगली हो चुके है।सरकार अगर आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिला पाती है तब ही स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है।

हमे ये भी सोचने की ज़रूरत है की आख़िर इतना कुछ करने के वावजूद ये सारी घटनाएं क्यो नही थम रही है?हम ज्यो-ज्यो सीसीटीव और पुलिस व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की बात करते है तब-तब ऐसे शैतान सरकार को चुनौती देते है।भारत में रोज ऐसे कई मामले सामने आते है लेकिन अफसोस की मीडिया की हेडलाइंस में केवल कुछ सेलेक्टिव मामले ही ख़बर बन पाते है।

ख़ैर पुलिस लखीमपुर ख़िरी वाले मामले में कुछ आरोपियों को पकड़ चुकी है और कुछ अभी भी फरार है।उम्मीद है की आरोपी जल्द से जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे और जल्द ही उन्हें उनके किये की सज़ा भी मिल जाएगी।बोलने को बहुत कुछ है लेकिन नही बोलूंगा।इतना काफ़ी है।मिलते है फिर बहुत जल्द अगले पोस्ट में तब तक अपना ख्याल रखिये।धन्यवाद।

#StopRape #StopRapeCulture

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