जम्मू-कश्मीर:भारत का एक विशेष राज्य

जम्मू और कश्मीर यू तो कहने के लिए भारत का एक राज्य है,लेकिन अनुछेद 370 इसे विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है।अब बात करते है इसे किस प्रकार की विशेष शक्ति प्रदान है।सबसे पहले बात करते है जम्मू और कश्मीर भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसका खुद का संविधान है।जो अपने संविधान के हिसाब से चलता है।उस राज्य का अपना एक अलग झंडा है।कूल मिलाकर देखा जाये तो वो भारत के कायदे और कानून से अलग है।बहुत दिनों तक वहाँ मुख्यमंत्री नही बल्कि प्रधानमंत्री चुने जाते थे।वह भारत का एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ हर 5 साल बाद नही बल्कि 6 साल बाद चुंनाव होते है।

                      कश्मीर का प्राकृतिक सौंदर्य

जम्मू और कश्मीर भारत के आजादी के समय भारत का अंग नही था।बाद में वहाँ के अंतिम राजा ने इस राज्य को भारत में विलय की मंजूरी दे दी।हालांकि कश्मीर की मुस्लिम आबादी का झुकाव पाकिस्तान के तरफ था लेकिन वहाँ के हिन्दू राजा हरी सिंह का झुकाव हिंदुस्तान के तरफ था।विलय के बाद 26 जनवरी 1957 से इसका अपना संविधान प्रभाव में आया।

कश्मीर कभी अशोक के राज्य का अंग भी रहा है।लाहौर संधि के बाद अंग्रेजो ने महाराजा गुलाब सिंह को जम्मू-कश्मीर की कुर्सी को सौंप दिया।27 अक्टूबर 1947 का दिन था जब जम्मू-कश्मीर को भारत का राज्य घोषित किया गया।

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