New style of business in India:Patanjali
आज अगर भारत के अंदर बिज़नेस की बात हो और बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की बात ना हो तो ये बेमानी ही होगी।आज बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों को पतंजलि भारतीय बाजार में पीछे छोड़ चुकी है।पतंजलि की इयरली ग्रोथ रेट बाकी अन्य कंपनीयो के मुकाबले काफी ज्यादा है मतलब ये की अन्य कोई कंपनी इसके आस-पास भी नज़र नही आती है।अब पतंजलि इतनी तेजी से आगे बढ़ा कैसे?बाबा रामदेव और पतंजलि के सीईओ ने आखिर ऐसी कौन सी रणनीति अपनाई जिसके दम पे इतने कम समय में पतंजलि देश में छा गयी,इन सारी बातों पे आगे बात करेंगे।अभी कुछ महीने पहले बाबा रामदेव नेपाल गये थे।नेपाल सरकार के तरफ से भव्य स्वागत हुआ।उनके साथ कंपनी के सीईओ बाल कृष्ण आचार्य जी भी थे।दो-तीन दिन बाद जब मैं न्यूज़ देख रहा था तो मुझे पता चला की पतंजलि नेपाल में इन्वेस्ट करने जा रही।मतलब साफ था पतंजलि भी मल्टीनेशनल कंपनी बनने के कतार में खड़ी हो गयी।फिलहाल पतंजलि भारत से ही अपने प्रोडक्ट का निर्यात नेपाल,श्री लंका,भूटान,चीन,सिंगापुर जैसे देशों में करती है।इन देशों में पतंजलि के उत्पादों की अच्छी माँग है।यानी की पतंजलि विदेशों में भी धीरे-धीरे पैर पसार रही है।
अब बात करते है कि पतंजलि इतनी जल्दी सफल कैसे हुई तो सबसे पहले आपको बताना चाहूँगा की आज से आठ-नौ साल पहले से बाबा रामदेव एक मुहीम चला रहे है जिसका नाम"स्वदेशी अपनाओ,देश बचाओ"है।इसका अर्थ है कि देश में बने समानो का उपयोग करो यानी की देश की कंपनियों का उत्पाद खरीदों और इसी समय बाज़ार में आयी पतंजलि।बाबा रामदेव जानते थे की जल्दी से सफलता पाने के लिए लोगो के इमोशन्स से जुड़ना होगा और उन्होंने इसका भरपूर उपयोग किया।अभी भी पतंजलि का एक विज्ञापन आता है गोनाइल का जिसमे बाबा रामदेव कहते है "पतंजलि गोनाइल अपनाइए,गऊ माता को कत्लखाने जाने से बचाइए"।ये पतंजलि को लोगो के दिल से जोड़ता है और इसका असर साफ़ तौर पे दिख रहा है।इसका बड़ा कारण ये भी है कि उत्पाद पूरी तरह से आयुर्वेद के होते है और अन्य कंपनीयो के उत्पादों की तुलना में सस्ता भी।पतंजलि से लोगो का एक विशवास भी बन चूका है कि इसका सब उत्पाद आयुर्वेद पे आधारित होता है जिससे किसी प्रकार का नुक़सान नही हो सकता।
पतंजलि की शुरुआत किचन से हुई थी,जो बाद में बाथरूम तक पहुँच गयी।खैर,ये सारी बाते पुरानी हो गयी आज पतंजलि सिम कार्ड भी लॉन्च कर चुकी है।सिम कार्ड अभी आम पब्लिक के लिए उपलब्ध नही है लेकिन बहुत जल्द आपको भी मिलने लगेगा।फिलहाल,पतंजली सिम केवल उसके अपने कर्मचारियों को ही मिल रहा है।बात सिम तक तो ठीक था लेकिन सिम लॉन्च होने के दो दिन बाद ही किम्भो नामक मैसेंजर भी पतंजलि लॉन्च करती है जो भारत में व्हाट्सएप्प को टक्कर देने के लायी गयी है।किम्भो एप्प प्ले स्टोर से अभी हटा दिया गया कंपनी का कहना है कि अभी एप्प में कुछ और सुधार करने है जिसके बाद इसके वापस से लॉन्च कर दिया जायेगा।
ऐसा नही है कि पतंजलि के पहले भारत में कोई आयुर्वेद उत्पाद बनाने वाली कंपनी नही थी,बैद्यनाथ से लेकर डाबर तक अनेको कंपनिया पतंजलि के पहले से बाजार में आ चुकी है लेकिन जो सफलता पतंजलि ने प्राप्त किया वो किसी को भी नही मिला।अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर पतंजलि ही क्यों इतना सक्सेसफुल हुआ?तो इसका जबाब है कि पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की है पैकिंग चेंज कर के बाज़ार में उतारा।कहने का अर्थ है कि डाबर का लाल दन्त मंजन हम सबको याद होगा वो आयुर्वेद दन्त मंजन है और पतंजलि का दन्त कान्ति भी आयुर्वेद है लेकिन दोनों के पैकिंग में जो अंतर है वो इसका बड़ा कारण है।
ये जान के लोगो को हैरानी भी होती है कि पतंजलि के सीईओ के पास कोई कॉलेज डिग्री नही है उसके बाद भी वो इतनी बड़ी कंपनी को सफलतापूर्वक कैसे चला रहे है?खैर,जो भी हो आज भारतीय बाजार में पतंजलि जिस तेजी से आगे बढ़ रही है उसे देख के ऐसा ही लग रहा है कि आने वाले समय में देश के बाज़ार पर पतंजलि का एकक्षत्र राज होगा।
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