India:1947 to 2018

Before freedom-"You give me blood I give you freedom"
After freedom-"youngsters want Android not AK-47"
ये दोनों बातें अपने आप में महत्वपूर्ण है क्यों की दोनों बातें अपने सदी के महान नेताओ ने कहाँ है।पहला वाक्य नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने कहां और दूसरा तो आपके दौर की बात है तो आपको मालुम भी होगा।खैर,मैं बता देता हूँ,ये वाक्य प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने कही थी।जब हम विकाश की बात करते है तो ये नारे ही हमें असली हकीकत से रूबरू करा देते है।अगर हम देश की असली हालात को समझना चाहते है तो पहले के नारों और आज के नारों को समझना होगा।पहले देश के नेताओ का या फिर कहे तो देश के अधिक्तर युवाओं का पूरा ध्यान देश की हालात पे होता था।देश गुलाम था इसके लिए युवाओं ने संघर्ष किया और आज हमारा देश आजाद है तो उसी संघर्ष के बदौलत।बात यहाँ हो रही है कि देश कितना बदला?देश पहले कहाँ था और आज कहाँ है?नीचे हम इन सारी बातों पे चर्चा करेंगे।
सबसे पहले बात करते है,देश की तब क्या स्थिति थी और आज क्या है?भारत उस समय बहुत ही पिछड़े देशों की सूचि में आता था।भारत की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमज़ोर थी।कोई विदेशी कंपनी भारत में इन्वेस्ट करने से कतराती थी,लेकिन आज समय बदल चुका है।दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनी आँख बंद कर के भारत में इन्वेस्ट करने को तैयार है।इसे देख के इतना तो साफ़ हो जाता है कि भारत पूरे विशव में एक विशवास का माहौल बनाने में सफल हुआ है।अब बात करते है जीडीपी की तो भारत की जीडीपी आज कई विकसित देशों को पीछे छोड़ चुकी है।भारत परमाणु शक्ति बन चूका है।पूरी दुनिया ये मानने लगी है कि एशिया में चीन को सीधे तौर पे टक्कर देने की स्थिति में भारत आ चुका है।कुछ दिन पहले डोकलाम विवाद में हम सबने देखा की कैसे चीन बैकफुट पे नज़र आया।कैसे उसे अपने सैनिकों को वापस बुलाना पड़ा।जब भारत योग दिवस को लेकर पूरी दुनिया से समर्थन माँगता है तो कैसे दुनिया भर के देश इसके साथ आते है।अरब के भी देश इसका समर्थन करते है।ये बात काफी है ये बताने के लिए की भारत को आज पूरी दुनिया एक नए अवतार में देख रही है।दुनिया मान चुकी है कि भारत आने वाले समय में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को सीधे चुनौती देगा।भारत एक जवान देश है,यहाँ की अधिक्तर जनसँख्या युवाओं की है जो पूरी दुनिया को बदले का सामर्थ्य रखते है।


अब बात करते है NSG में भारत को स्थायी सदस्यता क्यों नही मिली?दुनिया भर के देशों ने भारत को समर्थन दिया था लेकिन ऐन वक़्त पर चीन ने समर्थन नही दिया।अब सवाल उठता है कि अकेला चीन ऐसा कैसे कर सकता है?तो इसका जबाब है कि चीन पहले से ही NSG का स्थायी सदस्य है और अगर स्थायी सदस्य देशों में से किसी एक ने भी विरोध कर दिया तो सदस्यता नही मिल सकती।हमें उन सभी देशों का समर्थन हासिल करना होगा।इसके लिए भारतीय प्रधानमंत्री हर देश से समर्थन माँग रहे है।बात करते है कि NSG होता क्या है?तो NSG का पूरा नाम होता है Nuclear Suppliers Group.जैसा की नाम से ही आपको पता चल चुका होगा की ये एक ग्रुप है जो पूरी दुनिया में Nuclear weapons या फिर कहे तो Nuclear के उपयोग को कंट्रोल करती है।यह संगठन भारत के खिलाफ ही बना था जब भारत ने Nuclear Bomb का सफल परिक्षण कर लिया था।उस समय भारत पे कई तरह के अंतराष्ट्रीय बैन भी लगाये गए थे।आज भारत उसी संगठन का सदस्य बनने के लिए सिर्फ प्रयास ही नही कर रहा अपितु उसके नज़दीक तक पहुँच चूका है।ये बात दुनिया को यह बताने के लिए काफी है कि भारत 1947 से लेकर 2018 तक कितना आगे बढ़ चुका है।
                   Image of Indo-Pak war

भारत आज किसी देश की अंतराष्ट्रीय सीमा पार जा के आतंकियो पर कार्रवाई करता है और फिर ये बात पूरी दुनिया के सामने स्वीकार भी करता है।यह दिखाता है कि भारत अब किसी के दबाव में रहने वाला नही है।चीन भी ये जान चुका है कि भारत अब 1962 वाला भारत नही रहा।उस समय भारत रक्षा के क्षेत्र में बहुत ही पीछे था उसके बावजूद जिस तरह से चीन को भारत ने रोका वो वाकई काबिलेतारीफ थी।भारत के मुठ्ठी भर सैनिको ने चीन के पसीने छुड़ा दिए।भारत आजादी के बाद 5 बार युद्ध लड़ चूका है,जिसमे से 4 युद्ध पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गये और पाकिस्तान को चारों बार हार मिली।1971-72 के युद्ध में तो भारत ने पाकिस्तान को 2 टुकड़ो में तोड़ दिया एक टुकड़ा बांग्लादेश के नाम से आज अलग देश है।आज के समय में पाकिस्तान भारत के आगे कही भी नही टिकता चाहे बात सैनिको की हो या हथियारों की या फिर टैंकों की।
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